Friday, 29 April 2016

शुक्र

शुक्र :

शुक्र राक्षस गुरू है तो भोग विलास के कारक है इनकी देवी लक्ष्मी है जिस तरह शनि मृत्यु के देवता है, ये आयु के है यानी मृत सजीवनी के कारक शरीर के अदंर श्वेत रूधिण कणिकाऐ इनके कारक है यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता इनकी कारक हैं । शनि देव इनके  परम मित्र है और सूर्य मगंल शत्रु हैं। जन्म कुडंली मे ये जब शनि के साथ होते तो दोनो अधिकतर शुभ फल देते है जिसे लक्ष्मी योग कहते है हम। सुदंरता का प्रतीक है गोरा शरीर, लेकिन आर्कषण के कारक है शुक्र ।

शुक्र शनि की युति यदि लग्न मे हो तो सावंलापन देता है लेकिन आर्कषण अधिक रहता है । शुक्र लोग बदलाव पे भरोषा रखते है हर काम को नये तरीके से करना इनकी खूबी है इसलिए ये डिजाइनर आर्टिस्ट एक्टर माॅडलिगं अपने आप अग्रसर होते है और राजनीति मे भी होते हैं ।

शुभ शुक्र अपनी दशा मे पूरा सुख देता है । बात करे शुक्र प्रधान लोगो की तो ऐसे लोगो का दोस्ताना अधिक होता है लव अफेयर टूटते जुडते रहते है खराब बात ऐ है की किसी के इमोशन इनको बोरिगं लगते है और ये बदलाव करते है यानी नया रिश्ता कायम करने मे इनको थोडा सा भी फर्क नही पडता । ऐसे लोगो की दो या दो से अधिक शादिया भी हो जाती है ।

शुक्र सबसे खराब फल मगंल के साथ और सुर्य के साथ देता है । मगंल के साथ शुक्र बैठा हो एक ही सुख देता  है या तो पैसे का या दामपत्य का ।  मगंल शुक्र की युति 5-9-10 वे घर मे होतो एक अच्छा सर्जन भी बनाता है । ऐसे युति वाले लोगो के सेक्सुअल रिलेशन जरूर बनते रहते है  शादी से पहले हो या बाद में ।  इसका कारण ये भी है की जीवन साथी इनका साथ नही देता हमेशा टकराव या अलगाव रहता है ।  वही गुरू भी खराब हो और सुर्य केतू से सबंध बने तो शादी के योग नही बनते । अधिक उम्र होने पर शादी होती तो है पर फिर सतांन सुख नही अच्छा  मिलता  ।

सातवे मगंल या सुर्य से युति मे हो तो कम उम्र शादी के योग बना देता है सतांन सुख भी देगा पर पति से सबंध खराब करेगा माॅ और बच्चा तो साथ होगा पर पति नही या पत्नी नही वो दूसरे मे खुश रहते है । अब यदि शादी नही जल्दी हुई तो रिश्ते आते रहेगे पर कोई जवाब नही आऐगा । जिनकी कुडंली मे सुर्य शुक्र साथ हो ऐसे को दिन के समय सबंध नही बनाना चाहिए पत्नी बिमार रहने लगती है ।जिनकी कुडंली मे शुक्र शनी एक साथ खराब हालाद मे होगे तो ऐसे जातक का बैकं लोन नही उतरता उल्टा काम के लिए उसे बार बार कर्ज लेना पडता है  बैकं लोन की ओर अधिक झुकाव हो जाता है और यदि दशा शुरू हो जाए तो बिमारी पर भी पैसा लगने लगता है । यदि सूर्य से सबंध बने 11-12 भाव  में तो पिता को गभीर रोग देगा या मृत्यु पैरालाइस से हृदय घात से होती है । साधारणतः ऐसे लोगो के पिता को शुगर रहती है या आखो के रोग देता है ।

खराब शुक्र वाला जातक का चेहरा मुरझाया रहता है चितां में खोया रहता है लोगो से बात करने हिचकिचाता रहता है । डर लगता है उसको वो कभी कभी अपने साऐ से भी डर जाता है । लग्नेश हो और 6-8 मे बैठ जाए तो उसको कोई न कोई बिमारी लगी रहती है ऐसे जातक को हर छोटे छोटे शौक के पूरे करने के लिए कडी मेहनत करनी  पडती है ।

आज की ऐस्ट्रो टिप-----यदि बार बार आर्थिक तंगी आती हो तो रोज लक्ष्मी नरायण जी के मदिंर जाए सफेद फूलो की माला या सफेद कमल उनको अर्पित करे पति पत्नी साथ जायें। जिन लडकियो की नई  शादी हुई हो उनको कांच वाली सेटं की बोतल दान दे । इससे जल्दी शुक्र मजबूत होते हैं ।🙏🙏🙏🙏

No comments:

Post a Comment