Wednesday, 10 June 2015

साधना में असफलता के कुछ विशेष कारण होते हैं !

साधना में असफलता के कुछ विशेष कारण होते हैं ! जैसे : ~गुरु का सही मार्गदर्शन प्राप्त ना होना , दूसरा साधना चक्र ( साधना शिविर ) में ना आना , तीसरा साधना के लिए नियत तपोभूमि में ना आना और चोथा उचित साधना और शुद्ध साधना सामग्री का प्राप्त ना होना ~गुरुदेव श्री बहल जी ~
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मित्रों ! ''तंत्र सबके लिए मिशन '' के विषय में लगभग सभी साधक जानते हैं कि तंत्र मार्ग पर चलते हुए इस संस्था को काफी समय व्यतीत हो चुका है ! इस समय में कुछ स्वार्थी साधक जुड़े तो कुछ बेतरह समर्पित साधक भी जुड़े ! स्वार्थी साधक मार्ग में ही छूट गए और समर्पित साधक आज भी मिशन के साथ हैं ! आप यह समझ लें , जान लें , ह्रदय में बिठा लें जो यह मिशन देगा वह और कहीं नहीं मिलेगा ! बात ऐसी बिलकुल नहीं है , हर संस्था अपने अनुयायिओं को सदैव अच्छा ही देती है ! बस आप स्वार्थ को त्यागें , आँखों से अन्धविश्वास की पट्टी हटा लें ! आप जड़ को अर्थात संस्था को सींचे , संस्था आपका कल्याण करेगी ! मुखिया तो आते रहते हैं , जाते रहते हैं , संस्था सदैव रहती है ! साधना करें , सही मार्ग का चयन करें , तंत्र गुरु के निर्देशों का पालन सच्चे ह्रदय से करें ! बात जब साधना में असफलता की आती है , तब उसके कुछ विशेष कारण होते हैं ! जैसे : ~गुरु का सही मार्गदर्शन प्राप्त ना होना , दूसरा साधना चक्र ( साधना शिविर ) में ना आना , तीसरा साधना के लिए नियत तपोभूमि में ना आना और चोथा उचित साधना और शुद्ध साधना सामग्री का प्राप्त ना होना ! हमे पता है , हम जानते हैं , हम कर लेंगे , हम यह कर चुके हैं यह गर्व है और असफलता की और ले जाने वाला मार्ग है ! चलिए हम मान लेते हैं आप विद्वान हैं , आपको साधना का गोपनीय मार्ग पता है , आप यह कर चुके हैं , आप वह कर चुके हैं , आप यह कर सकते हैं , आप वह कर सकते हैं , मैं पूछता हूँ क्या साधना से पहले आपने , अपनी सुरक्षा की है ? आपने साधारण पुस्तकों में लिखा या किसी व्यवसायी तांत्रिक द्वारा बतलाया गया मन्त्र पढ़ा और साधना प्रारम्भ करदी ! परिणाम असफलता या कभी ~ कभी दारुण कष्ट ! आप बार ~ बार सोचते हैं अब तक तो सब कुछ ठीक था , यह कष्ट , यह विपत्ति अचानक कहाँ से आ गयी ? तंत्र भैरवी मिन्ही कहती है , कुशोक ! साधना से पहले '' तांत्रिक तंत्र सुरक्षा कवच '' पहनो ! मैंने वही पहना और आज तक पहना हुआ है ! स्मरण रखें कृपया हमे तंत्र सुरक्षा कवच देने का अनुरोध ना करें ! हम तांत्रिक वस्तुएं , पुस्तकें बेचने का कार्य नहीं करते हैं , अस्तु ऐसा कोई अनुरोध स्वीकार करने में हम नितांत असमर्थ हैं ! आज तंत्र को भ्रान्ति से निकालने की आवश्यकता है ! आयोजक साधना शिविर ना लगाकर तंत्र पर प्रवचन रखें !
तंत्र भैरवी को लेकर भी अनेक भ्रांतियां हैं ! कोई तंत्र भैरवी को भोग ( SEX ) का सशक्त माध्यम मानता है ,तो कोई समय बिताने का उत्तम माध्यम मानता है तो कोई तंत्र भैरवी को सेविका के रूप में रखते हैं ! यह धारणा मिथ्या है ! तंत्र भैरवी गुरु तो नहीं होती पर उससे कम भी नहीं होती है ! एक प्रश्न उठता है कि क्या यह अप्सरा , किन्नर , योगिनी , यक्ष्णi की तरह आकाश से आती है ? जी नहीं इनमे से एक भी नहीं ! तंत्र भैरवी एक सामान्य साधिका होती है , लेकिन ज्ञान , साधना , सिद्धि से भरपूर प्याला होती है !मैं अपनी बात को इस प्रकार समझाने का प्रयत्न करता हूँ जिस प्रकार तांत्रिक बनने से पहले सामान्य व्यक्ति साधक होता है ,उसी प्रकार एक साधिका होती है ! निरंतर कठोर साधना , त्याग और तंत्र ~मन्त्र का गुप्त ज्ञान प्राप्त करने के बाद जब तंत्र गुरु संतुष्ट होता है तो साधक को तांत्रिक का और साधिका को तंत्र भैरवी पद दे देता है ! अधिक जानकारी के लिए मेरी पुस्तक '' तंत्र ~ मन्त्र ~यंत्र का गुप्त ज्ञान '' अवश्य पढ़ें ! सूचनार्थ निवेदन है तामसिक साधना शिविर ~ 2 और गुरु पूर्णिमा का शिविर शीघ्र लगाया जायेगा आप तुरंत डॉ.आर.एस.प्रसाद तांत्रिक मोबाइल न. 09835220108 और जयेश भाई गायवाला सूरत गुजरात मोबाइल न. 09825574899 पर संपर्क करें ! मैं शीघ्र मुम्बई , पुणे और सूरत की यात्रा पर आ रहा हूँ ! स्मरण रखें ! अधिक जानकारी के लिए जयेश भाई गायवाला सूरत गुजरात से या मेरी वेब साईट पर लाग ऑन करें ! शेष फिर ! गुरु स्मरण ! जय गुरु देव !!! हरी ॐ !!!! .

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